भारत सरकार का बड़ा फैसला New AC Rules
भारत सरकार ऊर्जा संरक्षण और पर्यावरणीय संतुलन के लिए New AC Rules के जरिये एक नया क़दम उठाने जा रही है। अब भारत में उपयोग होने वाले एयर कंडीशनर (AC) को 20 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान पर सेट करना संभव नहीं होगा। इस नियम का उद्देश्य ऊर्जा की खपत को कम करना, पर्यावरण की रक्षा करना और लोगों को स्वास्थ्य की दृष्टि से सुरक्षित तापमान पर रहने के लिए प्रेरित करना है।
इस New AC Rules की पृष्ठभूमि
ऊर्जा मंत्रालय और BEE (Bureau of Energy Efficiency) के निर्देशों के तहत, अब घरेलू और व्यावसायिक दोनों प्रकार के एयर कंडीशनर सिस्टम में एक न्यूनतम तापमान सीमा तय करने का प्रस्ताव रखा गया है। इसका अर्थ यह है कि उपयोगकर्ता अपने एसी को 20°C से कम तापमान पर सेट नहीं कर सकेंगे।

यह New AC Rules क्यों लाया जा रहा है?
1. New AC Rules के जरिये ऊर्जा की बचत और बिजली संकट से निपटना
भारत में एयर कंडीशनर की मांग तेजी से बढ़ रही है, विशेष रूप से शहरी इलाकों में। एसी एक अत्यधिक बिजली की खपत करने वाला उपकरण है, और जब 16°C या उससे कम तापमान पर इस्तेमाल किआ जाता है, तो यह बिजली की खपत को बहुत बढ़ा देता है।
- प्रत्येक 1°C अधिक तापमान सेट करने से लगभग 6% ऊर्जा की बचत होती है।
- अगर सभी उपयोगकर्ता 24°C या उससे ऊपर पर AC का उपयोग करें, तो हर साल 20 अरब यूनिट बिजली की बचत संभव है।
2. New AC Rules के जरिये पर्यावरण की रक्षा
भारत में बिजली का एक बड़ा हिस्सा कोयला आधारित थर्मल पावर प्लांट्स से आता है। ज्यादा बिजली खपत = ज्यादा कोयले का जलना = अधिक प्रदूषण। इस नियम से:
- ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन घटेगा।
- जलवायु परिवर्तन की रफ़्तार को धीमा किया जा सकेगा।
- यह कदम भारत के पर्यावरणीय लक्ष्यों को हासिल करने में सहायक सिद्ध होगा, जैसे कि वर्ष 2070 तक नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन (Net Zero Emissions) का लक्ष्य।
3. स्वास्थ्य पर असर
16°C–18°C तापमान में लंबे समय तक रहने से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं:
- गले की खराश, जुकाम, सिर दर्द
- मांसपेशियों में जकड़न और गठिया
- रोग प्रतिरोधक क्षमता में गिरावट
4. एसी की कार्यक्षमता और रखरखाव
बहुत कम तापमान पर AC चलाने से:
- Evaporator coil पर बर्फ जम सकती है।
- Compressor ज़्यादा मेहनत करता है, जिससे बिजली की खपत और मरम्मत खर्च बढ़ जाते हैं।
- मशीन की उम्र घट सकती है।
तकनीकी पक्ष: अब एसी कैसे बदलेंगे?
सरकार इस New AC Rules को लागू करने के लिए AC कंपनियों को निर्देश देने की तैयारी में है:[Related-Posts]
- Software-level Lock: AC के सॉफ़्टवेयर में ऐसा कोड डाला जाएगा जिससे यूज़र 20°C से नीचे तापमान सेट न कर सके।
- Inverter AC Adjustment: इनवर्टर AC को इस सीमा में कार्य करने के लिए फर्मवेयर अपडेट मिलेगा।
- नई डिजाइन और मॉडल: नए मॉडल इसी सीमा को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किए जाएंगे।
कुछ देशों जैसे UAE और जापान में पहले से ही सार्वजनिक भवनों में तापमान पर ऐसी सीमाएँ लागू हैं।
New AC Rules के जरिये उपभोक्ताओं के लिए लाभ
- बिजली बिल में कटौती
- एसी का जीवनकाल बढ़ेगा
- कम प्रदूषण = बेहतर जीवन
- स्वस्थ रहने का बेहतर तरीका
उद्योग जगत की प्रतिक्रिया
हालांकि कुछ निर्माता इस New AC Rules बदलाव को अचानक और चुनौतीपूर्ण मानते हैं, लेकिन अधिकांश कंपनियां पर्यावरणीय नीतियों के समर्थन में आगे आ रही हैं। पहले ही कई निर्माता BEE के स्टार रेटिंग सिस्टम के अनुसार अपने प्रोडक्ट तैयार कर रहे हैं।
आपकी जिम्मेदारी क्या है?
सरकार की योजना के तहत New AC Rules के पहले चरण में स्वैच्छिक होंगे, फिर इन्हें अनिवार्य बनाया जाएगा। उपभोक्ताओं को भी जिम्मेदारी से कार्य करना होगा:
- AC को 24–26°C पर चलाएं।
- रूम को एयर टाइट बनाएं।
- समय-समय पर सर्विसिंग करवाएं।
- यदि नया AC खरीद रहे हैं, तो स्टार रेटिंग और पर्यावरणीय प्रभाव जरूर जांचें।
निष्कर्ष
भारत में ऊर्जा संकट, जलवायु परिवर्तन और बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए यह कदम जरूरी और समयानुकूल है। आने वाले समय में यह नियम न सिर्फ ऊर्जा सुरक्षा, बल्कि पर्यावरणीय स्थिरता और सामाजिक स्वास्थ्य की दिशा में एक बड़ा कदम माना जाएगा।
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