MP school teacher attendance: वो पल आया जब बच्चों के चेहरे को देखकर ही सुबह की ताजी हवा का अहसास होता है, और जैसे ही टीचर स्कूल में कदम रखते हैं, स्कूल में नई ऊर्जा भर जाती है। लेकिन क्या आपने सोचा है कि अब इसी ऊर्जा को डिजिटल रूप में कैद किया जा रहा है? मध्य प्रदेश सरकार ने इस सुहाने एहसास को तकनीक से जोड़ते हुए सरकारी स्कूल टीचर्स के लिए एक नया नियम लागू किया है ऑनलाइन अटेंडेंस ‘सेल्फी मोड’ में। इस बदलाव के असर को जानने के लिए दिल से जुड़ी बातें पढ़िए
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MP school teacher attendance: ऑनलाइन अटेंडेंस का मतलब क्या है?

1 जुलाई 2025 से मध्य प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में टीचर्स को स्कूल शुरू होने पर और बंद होने के час अटेंडेंस मार्क करना अनिवार्य होगा। इस प्रक्रिया के लिए ‘हमारे शिक्षक’ प्लेटफ़ॉर्म इस्तेमाल होगा, जो स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट की ‘Education 3.0’ पोर्टल से जुड़ा है । इसके तहत टीचर को स्कूल आने और लौटने पर एक सेल्फी लेकर 在线 भेजनी होगी।ऐसी तस्वीरें जहां स्कूल परिसर, क्लासरूम, या फिर प्रधानाचार्य के दफ्तर का डेस्क साफ दिखाई दे, वह भी मान्य होंगी। अगर वे समय पर डाटा नहीं भेजते, तो आधा दिन की छुट्टी कट जाएगी और यह उनकी कुल छूट से जुड़ जाएगा ।
MP school teacher attendance: पारदर्शिता और जिम्मेदारी के दायरे में
यह कदम स्कूलिंग सिस्टम में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व लाने का प्रयास है। राज्य सरकार का मानना है कि इससे “प्रॉक्सी टीचिंग” जैसी गलतियों से बचा जा सकेगा, जिसमें शिक्षक अपनी जगह किसी और को मौजूद होते दिखाते हैं लेकिन असल में स्कूल में नहीं होते । ऐसे में बच्चों की पढ़ाई बचाने के साथ-साथ शिक्षा का अधिकार भी सुनिश्चित होता है।
MP school teacher attendance: गोपनीयता और ज़िम्मेदारी का संतुलन
यह कानून इसलिए केवल अटेंडेंस दर्ज करवाना नहीं चाहता, बल्कि यह देश के संविधान में मौजूद Article 21‑A (शिक्षण का अधिकार) को भी मजबूत करना चाहता है । सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे शिक्षा के अधिकार की रक्षा मानते हुए जोर दिया है कि इसे लागू कराने में न्यायिक रूप से कोई गलती नहीं होनी चाहिए।
MP school teacher attendance: क्या उम्मीद रखी जा सकती है भविष्य में?
MP school teacher attendance अबतक जो सिस्टम लागू किया गया है, वो तकनीक के नए दौर का पहला कदम है। इससे शिक्षक भी सहज महसूस करेंगे और स्कूल प्रशासन भी सलीके से काम कर सकेगा। भविष्य में इस ऐप के जरिए विभाग स्कूलों से लाइव अटेंडेंस डाटा ले सकेगा, जिससे सरकारी नीतियों और फैसलों में भी तेजी आएगी।
MP school teacher attendance: इस बदलाव का असली असर

इस कदम का मतलब सिर्फ सेल्फी या डिजिटल फॉर्म भरना नहीं है। यह शिक्षकों की जिम्मेदारी, बच्चों की पढ़ाई की गुणवत्ता और देश के शिक्षा अधिकार की गोपनीयता और सुरक्षा को मजबूत करने का एक बड़ा प्रयास है।जहाँ एक ओर यह कदम सरकारी स्कूलों में अनुशासन बनाए रखने में मदद करेगा, वहीं दूसरी ओर महिला शिक्षकों की निजता की रक्षा भी सुनिश्चित होगी।एक तरफ़ जहां सरकार डिजिटल इंडिया की तरफ कदम बढ़ा रही है, वहीं हाईकोर्ट की नजर इसे मानव अधिकार और न्याय के लिहाज़ से यथोचित बनाए रखने पर भी है।
Disclaimer: यह लेख उपलब्ध मीडिया रिपोर्ट्स और सरकारी घोषणाओं के आधार पर लिखा गया है। किसी भी जानकारी की पुष्टि के लिए संबंधित विभाग की आधिकारिक वेबसाइट या पुष्ट स्रोतों को देखें। यह लेख केवल सामान्य जानकारी और जागरूकता के लिए है, इसे कानूनी या तकनीकी सलाह के रूप में न लें। [Related-Posts]
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