जो युवा अब तक संसाधनों के अभाव में अपने सपनों को दबाकर बैठे थे, उनके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने उम्मीद की एक नई किरण जगाई है। Chief Mukhyamantree Udyamee Yojana के अंतर्गत अब प्रदेश के युवा अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं और सरकार से उन्हें दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता भी मिल रही है।
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जहानाबाद और अरवल में युवाओं को मिल रही है प्रेरणा और सहारा
जहानाबाद जिले में इस योजना के माध्यम से अब तक 61 युवाओं को लाभ मिल चुका है, जिनमें अधिकतर अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं। यह योजना इन वंचित वर्गों के उत्थान के लिए एक सशक्त पहल है

ताकि समाज के हर तबके के युवा अपनी मेहनत और हुनर के बल पर आत्मनिर्भर बन सकें। अरवल जिले से भी ऐसी ही प्रेरणादायक कहानियाँ सामने आ रही हैं, जहाँ युवा अब खुद का रोजगार शुरू करके परिवार और समाज की दिशा बदलने की कोशिश में लगे हैं।
तीन किस्तों में मिल रही है दो लाख रुपये की मदद
Mukhyamantree Udyamee Yojana इस योजना के तहत चयनित युवाओं को कुल दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता तीन किस्तों में दी जाती है। पहली किस्त के रूप में 50 हजार रुपये उनके खाते में भेजे जाते हैं, जिससे वे व्यवसाय की बुनियादी जरूरतें जैसे मशीन, उपकरण, या स्थान की व्यवस्था कर सकें। इसके बाद उन्हें उद्योग संबंधित प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि वे अपने काम को सही तरीके से समझ सकें और आगे बढ़ा सकें। प्रशिक्षण के बाद दूसरी किस्त के रूप में 1 लाख रुपये दिए जाते हैं ताकि कच्चा माल और अन्य जरूरी सामान खरीदा जा सके। अंत में, जब व्यवसाय पूरी तरह खड़ा हो जाए, तो तीसरी और आखिरी किस्त के रूप में 50 हजार रुपये और मिलते हैं।
चयन प्रक्रिया पारदर्शी और तकनीकी है
Mukhyamantree Udyamee Yojana इस योजना की सबसे बड़ी विशेषता इसकी पारदर्शिता है। सभी लाभार्थियों का चयन कंप्यूटराइज्ड रैंडमाइजेशन के जरिए किया जाता है। आवेदन ऑनलाइन उद्योग विभाग के पोर्टल पर लिए जाते हैं और एक विशेष समिति द्वारा उनकी जांच की जाती है। जांच में सही पाए जाने पर ही युवाओं का नाम चयन सूची में शामिल किया जाता है और फिर उन्हें योजना का लाभ मिलता है।
62 प्रकार के उद्योगों में मिल रही है सहायता

Mukhyamantree Udyamee Yojana इस योजना के अंतर्गत 62 अलग-अलग प्रकार के लघु उद्योगों के लिए सहायता दी जा रही है, ताकि युवा अपनी रुचि और क्षेत्रीय आवश्यकता के अनुसार व्यवसाय शुरू कर सकें। इनमें खाद्य उत्पादों से जुड़े उद्योग जैसे आटा, सत्तू, बेसन, नमकीन, जैम, जैली, अचार, नूडल्स, पापड़ आदि शामिल हैं। वहीं, फर्नीचर निर्माण, बढ़ईगिरी, बांस और बेंत का सामान, सीमेंट की जाली, खिड़की-दरवाजे, प्लास्टर ऑफ पेरिस जैसी निर्माण से जुड़ी इकाइयाँ भी हैं।
इसके अलावा, घरेलू जरूरतों से जुड़ी चीजें जैसे बिंदी, मेहंदी, डिटर्जेंट पाउडर, मोमबत्ती, कृषि यंत्र, गेट ग्रिल, बिजली पंखा, स्टेबलाइजर, मधुमक्खी पालन, आभूषण निर्माण, और लोहे के बॉक्स भी इस योजना में शामिल हैं। सेवा उद्योग जैसे सैलून, ब्यूटी पार्लर, लांड्री, ढाबा, रेडीमेड कपड़े, कसीदाकारी, चमड़े के जूते-चप्पल, चूड़ी और मिट्टी के बर्तन जैसे पारंपरिक व्यवसायों के लिए भी सहायता मिल रही है।
योजना नहीं, यह है युवाओं के आत्मनिर्भर बनने का मौका
मुख्यमंत्री लघु उद्यमी योजना सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि युवाओं को उनकी मेहनत से उड़ान भरने का मंच है। यह योजना न केवल बेरोजगारी को कम करने में मदद कर रही है, बल्कि ग्रामीण और शहरी युवाओं में नई ऊर्जा और आत्मविश्वास भी भर रही है।[Related-Posts]
हर युवा के हाथ में हुनर, साथ में सरकार की ताकत
बिहार सरकार की यह पहल एक सशक्त और आत्मनिर्भर बिहार की ओर एक बड़ा कदम है। अब युवाओं को सिर्फ सपना देखना है, बाकी उसकी पूर्ति में सरकार उनके साथ कदम से कदम मिला कर खड़ी है।
डिस्क्लेमर:
यह लेख मुख्यमंत्री लघु उद्यमी योजना के सार्वजनिक स्रोतों और खबरों के आधार पर तैयार किया गया है। योजना से जुड़ी विस्तृत जानकारी, पात्रता, आवेदन प्रक्रिया या शर्तों के लिए कृपया बिहार सरकार के उद्योग विभाग की आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित कार्यालय से संपर्क करें।
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