– FPPCA यानी फ्यूल एंड पावर पर्चेज कॉस्ट एडजस्टमेंट, बिजली उत्पादन की लागत में बदलाव की भरपाई के लिए लिया जाने वाला शुल्क है।
– यह अधिभार अप्रैल 2025 की बिजली उपयोग पर आधारित है और जुलाई के बिल में जोड़ा गया है, जिससे कंपनियों को लागत की भरपाई हो सके।
– ₹1,000 के बिल पर 1.97% अधिभार से उपभोक्ता को ₹19.70 तक ज्यादा देना होगा, जो पूरे राज्य में बड़ा असर डालता है।
– SMEs और फैक्ट्रियों की उत्पादन लागत बढ़ेगी, जिससे बाजार में उनकी प्रतिस्पर्धा और मुनाफा प्रभावित हो सकता है।
– बिल की जांच करें, अनजान चार्ज पर शिकायत दर्ज करें और बिजली की खपत कम कर ऊर्जा दक्षता बढ़ाएं।
सरकार को पारदर्शिता बढ़ानी चाहिए, स्थिर दर तय करनी चाहिए और सौर ऊर्जा जैसे सस्ते विकल्पों को प्राथमिकता देनी चाहिए।